Wednesday, August 8, 2012

अमरोहा भूखंड घोटाला - विधायक के बेटे को 25 रु महीने पर करोड़ों की जमीन


अमरोहा। यूपी के शहर अमरोहा में एक ऐसा घोटाला सामने आया है जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे। यूं तो सत्ताधारी बीएसपी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में छत्तीस का आंकडा़ है, लेकिन इस शहर में नजारा कुछ और है। यहां समाजवादी पार्टी के एक दबंग विधायक के बेटे को करोड़ों की सरकारी जमीन कौड़ियों के भाव दे दी गई। इस जमीन पर शहर का कूड़ा डाला जाता था। जिस नगरपालिका परिषद की ओर से ये जमीन 25 रुपये महीने की लीज पर दी गई, उसके अध्यक्ष एक बीएसपी नेता हैं। जिला प्रशासन ने भी मामले पर चुप्पी साध ली है।

नगरपालिका की इस बीस बीघा जमीन का खसरा नंबर 5826 है। सरकार के राजस्व रिकार्ड में साफ है कि इस जमीन पर शहर का कूड़ा और खाद डाली जाएगी और ये सरकारी सार्वजनिक सम्पत्ति है। यूं तो जमीन का लैंड यूज बदले बगैर ये किसी को दी नहीं जा सकती, लेकिन बीएसपी नेता और नगर पालिका अध्यक्ष हाजी इकरार ना जाने क्यों समाजवादी पार्टी के दबंग विधायक महबूब अली के बेटे शाहनवाज पर मेहरबान हैं जिसके नाम पर ये जमीन आवंटित कर दी गई। सिर्फ 25 रुपये महीने पर।

लैंड यूज बदलने का अधिकार सिर्फ सरकार को होता है। वो भी तब जब शहर के विकास या अन्य आवश्यक आपूर्ति के लिए किसी जमीन के इस्तेमाल की जरूरत पड़े। जिले से प्रस्ताव पारित होकर सरकार को भेजा जाता है। वो पास होता है तो फिर जमीन हस्तांतरित की जाती है। लेकिन अमरोहा में ये सब नहीं किया गया। नगर पालिका परिषद अमरोहा ने 29 मई 2010 को ये जमीन शाहनवाज के नाम हस्तांतरित कर दी।

इस खेल का पता तब चला जब इस जमीन पर पेट्रोल पंप का निर्माण कार्य शुरू हुआ। पेट्रोल पंप करीब 2 हजार गज पर बन रहा है जिसके लिए विधायक के बेटे को भारत पेट्रोलियम पांच सौ रुपये महीना किराया देगा। किराये का करार तीस साल के लिए हुआ है। नगर पालिका कर्मचारियों ने इसे रजिस्ट्री कार्यालय में सत्यापति भी कर दिया है। इस मामले में जब नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी बी डी भट्ट से दफ्तर में सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मिलने से ही मना कर दिया। वहीं, जिलाधिकारी कार्यालय की भूमिका भी जांच के घेरे में है। डीएम अभय कुमार कह रहे हैं कि वे मामले की तस्दीक करेंगे।

उधर, नगर पालिका चेयरमैन हाजी इकरार ने भी चुप्पी साध ली है। जिस दिन से ये मामला चर्चा में आया है, उस दिन से वे दफ्तर ही नहीं आए। फोन पर भी बात करने को तैयार नहीं। दूसरी ओर कांग्रेस इसे मुद्दा बनाने की तैयारी कर रही है।

इस मामले के खुलासे से विधायक महबूब अली खासे खफा हैं। वे मीडिया का नाम सुनते ही भड़क जाते हैं। उन पर 14 मुकदमे दर्ज हैं और वो हमेशा से विवादों में रहे हैं। सीएनएन आईबीएन के एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद मुलायम सरकार में उनकी मंत्री पद से छुट्टी हो गई थी। लेकिन बीएसपी सरकार में भी उनका रुतबा बना हुआ है। ये उनके दबदबे का सबूत ही है कि नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों की जमीन मात्र 25 रुपये महीने किराये पर उन्हें दे दी गई।

साभार
आईबीएन-7 / Posted on Dec 02, 2011
http://khabar.ibnlive.in.com/news/63453/16/4?from=RHS

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