Wednesday, August 1, 2012

अनाज घोटाले में 5000 FIR की जरूरत

घोटालों के इस मौसम में इस देश का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। अनाज घोटाला 35 हजार करोड़ से 2 लाख करोड़ के बीच होने की आशंका जताई जा रही है। यह घोटाला पांच देशों नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका और भूटान तक फैला हुआ है। इस घोटाले में उत्तर प्रदेश के 71 जिलों में से 34 जिले शामिल हैं। इस घोटाले में साढ़े 400 उच्च सरकारी अधिकारी, मंझले-छोटे सरकारी अधिकारी और 10 हजार प्राइवेट फर्म या लोग शामिल हैं।

इस घोटाले में अगर सारी एफआईआर (FIR) करवाई जाएं तो उनकी गिनती 5000 तक पहुंचेगी। अगर यह आपको सच नहीं लग रहा है तो इसके लिए उत्तर प्रदेश के एक जिले का ही उदाहरण देना काफी होगा। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के आदेश पर जब यूपी पुलिस के फूड सेल से मामला एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को सौंपा गया तब तक 6000 से ज्यादा लोगों के खिलाफ 63 एफआईआर दर्ज की जा चुकी थीं। इसमें 21 लोग उपजिलाधिकारी और जिला आपूर्ति अधिकारी जैसे पदों पर थे।

महाघोटाले में कब क्या हुआ
नवंबर 2004- मुख्य सचिव (फूड एंड सिविल सप्लाई) प्रशांत चतुर्वेदी ने रेलवे से बांग्लादेश और बाकी देशों को भेजने के लिए अनाज की लोडिंग के बारे में जानकारी मांगी।

दिसंबर 2004- रेलवे ने उन जिलों और स्टेशनों की एक सूची दी जहां से बांग्लादेश को अनाज भेजा जा रहा था।

2005- लखीमपुर खीरी के जिला अधिकारी एस.पी.एस. सोलंकी समेत उन अधिकारियों के नाम दिए गए जिनके खिलाफ अनाज घोटाले में शामिल होने की वजह से विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी।

2006- मुलायम सिंह यादव की सरकार ने मामले को आर्थिक अपराध शाखा को सौंपा। आर्थिक अपराध शाखा ने अकेले बलिया जिले में 50 से ज्यादा मामले दर्ज किए।

जून 2007- मायावती ने मामले को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एस.आई.टी.) को सौंप दिया।

सितंबर 2007- एस.आई.टी. की रिपोर्ट से उत्तर प्रदेश सरकार को भारी नुकसान होने का पता चला।

दिसंबर 2007- मायावती सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की।

2008- सीबीआई ने केवल तीन जिलों के कुछ मामलों को अपने हाथ में लिया। विश्वनाथ चतुर्वेदी ने तेज जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने केस को इलाहाबाद हाई कोर्ट को भेजा।

3 दिसंबर 2010- इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीबीआई को पूरे घोटाले की जांच करने को कहा।

किसमें कितना घोटाला
बोफोर्स घोटाला- 64 करोड़ रुपए
यूरिया घोटाला- 133 करोड़ रुपए
चारा घोटाला- 950 करोड़ रुपए
शेयर बाजार घोटाला- 4000 करोड़ रुपए
सत्यम घोटाला- 7000 करोड़ रुपए
स्टैंप पेपर घोटाला- 43 हजार करोड़ रुपए
कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला- 70 हजार करोड़ रुपए
2जी स्पेक्ट्रम घोटाला- 1 लाख 67 लाख करोड़ रुपए
अनाज घोटाला- 2 लाख करोड़ रुपए (अनुमानित)

साभार
नवभारत टाइम्स, टाइम्स न्यूज नेटवर्क, परवेज इकबाल सिद्दीकी, 9 Dec 2010
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/7069382.cms

No comments:

Post a Comment