Monday, April 8, 2013

सहारा मामले में सेबी का खर्च 55 करोड़ रुपये पर पहुंचा

नई दिल्ली।। सेबी को सहारा ग्रुप से उसके इन्वेस्टर्स के 24,000 करोड़ रुपये लौटाने के काम पर भारी खर्च करना पड़ रहा है। इन बॉन्ड धारकों की पहचान की पुष्टि के बाद सहारा ग्रुप की दो कंपनियों द्वारा इन पैसा लौटाने के काम को सेबी को पूरा करवाना है। इस काम पर अभी तक सेबी के 55 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और सहारा को इस पूरे बिल की अदायगी करनी होगी।

इस बहुचर्चित मामले में सेबी का अंतिम खर्च बिल और भी ज्यादा हो सकता है। अभी तक सिर्फ स्टोरेज और इन्वेस्टर्स के डॉक्युमेंट्स की जांच पर ही 55.85 करोड़ रुपये की लागत आ चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार बाजार नियामक सहारा ग्रुप के 3 करोड़ से ज्यादा इन्वेस्टर्स की पहचान की जांच कर रहा है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस काम पर आने वाले पूरे खर्च का भुगतान सहारा को ही करना होगा।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सेबी ने स्टोरेज डिजिटलीकरण और निवेशकों के डॉक्युमेंट्स की जांच का काम स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया को दिया है। यह कॉन्ट्रैक्ट25.97 करोड़ रुपये का है। इसके अलावा इस मामले में विमोचन या रिडेम्पशन संबंधी काम का ठेका यूटीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर टेक्नॉलजी ऐंड सर्विसेज को 29.88 करोड़ रुपये में दिया गया है।

इस पूरे मामले को देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक रिटायर्ड जज की नियुक्ति की है, जिन्हें हर महीने 5 लाख रुपये दिए जा रहे हैं। इसके अलावा उनकी यात्रा, रहने और दूसरे खर्च अलग से हैं। यह पूरी रकम सेबी को खर्च करनी होगी, जो बाद में सहारा ग्रुप से वसूली जाएगी।
साभार:
भाषा | Apr 7, 2013, 02.13PM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/sebis-expense-bill-to-sahara-rs-55-crore-and-counting/businessarticleshow/19427321.cms

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