Tuesday, June 18, 2013

टैक्स चोरी में फंसे कांग्रेस प्रवक्ता सिंघवी

नई दिल्ली।। कथित अश्लील सीडी को लेकर विवादित हुए कांग्रेस के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी अब टैक्स चोरी के आरोप से घिर गए हैं। उन्होंने इनकम टैक्स सेटलमेंट कमिशन (आईटीएससी) से इस मामले में जुर्माना वसूले जाने या जांच के दायरे से मुक्त रखे जाने की गुहार लगाई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिलने के बाद सिंघवी ने 11 करोड़ रुपये की 'अघोषित आय' का ब्योरा देने के साथ इसके लिए 3.26 करोड़ रुपये का टैक्स अदा किया है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'मेरे रिटर्न में अतिरिक्त इनकम का जिक्र नहीं किया गया था। जो शख्स मेरा अकाउंट देखता है, उसने हिसाब लगाने में गड़बडी की थी। यह लापरवाही उसकी ओर से बरती गई है।' दूसरी तरफ, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सिंघवी द्वारा घोषित 11 करोड़ से संतुष्ट नहीं है। उसका कहना है कि कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा दिया गया ब्योरा सही नहीं है। डिपार्टमेंट का आकलन है कि सिंघवी ने 22.86 करोड़ रुपये का ब्योरा नहीं दिया है, जिस पर 7 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनती है। हालांकि, सिंघवी इससे सहमत नहीं हैं।

आईटी डिपार्टमेंट ने 2011 के अंत में असेसमेंट इयर 2010-11(फाइनैंशल इयर 2009-10) के लिए नोटिस भेजने शुरू किए थे। डिपार्टमेंट का आकलन है कि इस एक साल की अवधि में ही उन्होंने 22.86 करोड़ रुपये की आय का ब्योरा रिटर्न में नहीं दिया। डिपार्टमेंट को शक है कि दूसरे सालों के दौरान भी उन्होंने आय का सही ब्योरा नहीं दिया होगा और अघोषित आय इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। जांचकर्ता अब उनके द्वारा भरे गए अन्य वर्षों के रिटर्न्स की भी जांच कर रहे हैं।

हालांकि, सिंघवी का कहना है कि उन्होंने 11 करोड़ की जो आय घोषित की है, वह असेसमेंट इयर 2010-11 से शुरू होकर तीन सालों के लिए है। उन्होंने कहा, 'मैंने 3.26 करोड़ की टैक्स देनदारी का भुगतान कर दिया है और मेरी अपील सही है। असेसमेंट इयर 2010-11 की जांच रिपोर्ट के आधार पर 22.86 करोड़ की अतिरिक्त आय की बात कही जा रही है, लेकिन इस रिपोर्ट में ही कहा गया है कि अभी और जांच की जरूरत है। हम भी इस आंकड़े से सहमत नहीं हैं।'

दूसरी तरफ, जोधपुर के इनकम टैक्स कमिश्नर ने आईटीएससी को बताया, 'आवेदनकर्ता (सिंघवी) ने अतिरिक्त आय को काफी कम करके बताया है। इसके अलावा भारी मात्रा में कैश विद्ड्रॉल्स के लिए जिन खर्चों का हवाला दिया गया है, वे भी संदेह से परे नहीं हैं। सिंघवी की ओर से घोषित ब्योरा गलत और अधूरा है, लिहाजा उनकी याचिका निरस्त की जाए।' सिंघवी ने अपना आईटी रिटर्न जोधपुर से भरा है।

सिंघवी की समस्या उस समय शुरू हुई, जब वित्त मंत्रालय की फाइनैंशल इंटेलिजेंस यूनिट ने 2011-12 में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा के 17 संदेहास्पद विद्ड्रॉल्स की जांच की, तो यह सिंघवी के बैंक अकाउंटों तक पहुंच गई। शिकायत मिलने के बाद आईटी डिपार्टमेंट ने जांच शुरू की और सिंघवी को नोटिस भेजकर इतनी रकमों की निकासी पर उनका पक्ष मांगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सूत्रों का कहना है कि भारी मात्रा में रकम निकाले जाने की जांच में बिलिंग और खर्च में विसंगति की बात सामने आई है, लेकिन इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है। उनका कहना है कि हर फाइनैंशल इयर के अंतिम तीन महीनों में बैंक से ज्यादतर रकम निकाली गई।
साभार
नवभारतटाइम्स.कॉम | Jun 18, 2013, 09.29AM IST
http://navbharattimes.indiatimes.com/india/national-india/abhishek-singhvi-moves-it-settlement-commission-over-undeclared-income/articleshow/20642139.cms

No comments:

Post a Comment