Friday, July 19, 2013

मध्यप्रदेश में सांई के नाम पर जारी है ठगी

इंदौर।सांई के नाम पर ठगी का जाल फैलाकर गरीब और मध्यमवर्गीय तबके को शिकार बनाने वाली कंपनियां प्रदेश में तेजी से पनप रही हैं।

चिटफंड कंपनी सांई प्रसाद की पोल खुलने के बाद इसकी जांच जारी है और इस बीच, निम्न एवं मध्यमवर्गीय परिवारों को प्रॉपर्टी में जबर्दस्त कमाई का लालच देकर वसूली करने वाली तीन नई कंपनियां, सांई सर्वोत्तम एजुसाफ्ट कॉर्पोरेट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड, सांई सर्वोत्तम संपत्ति प्राइवेट लिमिटेड व एसएसएस कॉर्पोरेट ग्रुप सामने आई हैं। वैसे तो ये कंपनियां सालभर से चल रही हैं, लेकिन पत्रिका ने इनकी पड़ताल की तो गोरखधंधे के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। दोनों ही कंपनियो के तकरीबन 25 हजार से अधिक सदस्य हैं, जिनसे लाखों रूपए जुटाए जा चुके हैं।

किसी की मंजूरी नहीं
- एजेंटों को 20 फीसदी का कमीशन दिया जाता है।
- कंपनी के पास केवल कॉरपोरेट मंत्रालय का रजिस्ट्रेशन है जो कि एक सामान्य कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड है।
- निवेश स्वीकारने के लिए न तो सेबी और न ही आरबीआई से अनुमति ली गई है।

नहीं दिया जवाब
इस संबंध में पत्रिका ने रवि शर्मा और हरिनारायण डांगी से संपर्क किया, लेकिन दोनों में से किसी ने भी इस संबंध में चर्चा नहीं की। कंपनी के यह दोनों प्रमुख डायरेक्टर है।

डायरेक्टर
रवि शर्मा, रामदेव मोटर्स के पास, आगर, जिला शाजापुर
निधि शर्मा, एच-5, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, झाबुआ
हरिनारायण डांगी, सुदर्शन नगर, सारंगपुर, राजगढ़

ये कंपनियां अपना कॉर्पोरेट ऑफिस इंदौर में खोलती हैं, जबकि ब्रांच ऑफिस मालवांचल और निमाड़ के छोटे-छोटे शहरों में खोले जाते हैं।
धार, झाबुआ, मंदसौर, नीमच, रतलाम और देवास जिलों एवं गांवों में कार्यालय खोलने शुरू कर दिए हैं।
100 रूपए मासिक से लेकर 50 हजार रूपए तक का निवेश स्वीकार कर रही हैं।
हर माह छोटी-छोटी किस्तों के बदले एक बांड भी जारी किया जाता है।

कंपनियां
1. सांई सर्वोत्तम एजुसाफ्ट कॉर्पाेरेट सर्विसेस प्रालि 2. सांई सर्वोत्तम संपत्ति डेवलपर्स एंड इंफ्रा. प्रालि
3. एसएसएस कॉर्पोरेट ग्रुप

साभार:
राजेश जोशी
Yogendranath Dixit द्वारा 29th April पोस्ट किया गया
http://shribhrashtachar.blogspot.in/2013/04/blog-post_1444.html

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