Saturday, October 5, 2013

सांई प्रसाद ग्रुप ऑफ कंपनी पर पड़ा छापा - जमीन दिलाने का हो रहा था अवैध कारोबार


जगदलपुर !  शहर के धरमपुरा स्थित सांई गु्रप आफ कंपनी के कार्यलय में 3 सितम्बर को जिला प्रशासन द्वारा छापा मारा गया। इस कंपनी पर जमीन दिलाने के नाम पर फर्जी तरीके से ग्राहकों से लाखों रूपये बंटोरने का आरोप है। जिला प्रशासन द्वारा कंपनी के कागजात एवं अन्य दस्तावेजों की जांच में उक्तासय का खुलासा हुआ है।

महाराष्ट्रीय के पुणे की कंपनी सांई गु्रप ऑफ कंपनी की यहां गत मार्च महीने में धरमपुरा में कार्यालय खोला गया। बताया गया कि कंपनी के स्थानीय प्रबंधक द्वारा उक्त भवन के द्वितीय तल के हॉल को प्रति माह 20 हजार रूपये के किराये पर लिया गया है। कंपनी का मुख्यालय राजधानी रायपुर में स्थित है, जिसके मुख्य प्रबंधक संतोष श्रीवास नामक व्यक्ति हैं। दरअसल कंपनी 12,000 रूपये की सहभागिता के लिए 500 वर्ग फुट भूमि अनुपात से अपने ग्राहकों से बॉड पेपर पर लेन-देन कर उक्त अवैध कारोबार को अंजाम देने में पिछले 7 महीने में कामयाब हुआ है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार अपर कलेक्टर नीलकंठ टीकाम तथा तसहीलदार ओपी धाभाई द्वारा शक के आधार पर नगरनार संयंत्र क्षेत्र के प्रभावित मुआवजा प्राप्त खातेदारों के द्वारा जमीन लेने के लिए जमा कराये गये लाखों रूपये के बॉड पेपर कंपनी के स्थानीय प्रबंधन से मांगा गया, किन्तु उसने इन प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष उन दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं कर पाये। उल्लेखनीय है कि उक्त कंपनी के द्वारा सांई प्रसाद फूड लिमिटेड तथा सांई प्रसाद प्रॉपीर्टीज लिमिटेड से संबंधित कार्य किये जाते हैं। 

कंपनी ने अब तक अपना जाल दंतेवाड़ा से लेकर उड़ीसा के मलकानगिरी तक फैला लिया है। कंपनी द्वारा जो बॉड ग्राहकों से भरवाया जाता है उसमें उनके द्वारा जमा रकम के बदले कितने साल बाद जमीन दी जावेगी इसका कहीं भी जिक्र नहीं है।

जांच के दौरान तहसीलदार श्री धाभाई ने कहा कि कंपनी ने स्थानीय युवकों को 20 प्रतिशत कमिशन दिलाने का लालच देकर इतनी बड़ी संख्या में ग्राहकों को फंसाने में सफलता पायी है।
जाहिर है कि एक ऐसे ही मामले में कल देर शाम गुरूवार को  ग्वालियर की कंपनी गरिमा रियल इस्टेट जिसका रायपुर में ब्रंाच तथा जगदलपुर में रीजनल ऑफिस है उसने एक पखवाड़े के अंदर प्लांट प्रभावितों के 42 लाख रूपए हड़प लिए हैं। 

शिकायत के आधार पर जिला प्रशासन ने गीदम रोड पर स्थित गरिमा ग्रुप ऑप कंपनी के दफ्तर को जिला प्रशासन ने साल कर दिया है। नगरनार स्टील प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद प्रभावितों को शासन ने लाखों रूपए का मुआवजा दिया था जिसे कंपनी रकम को दुगुना करने का लालच देकर ग्रामीणों को फांस रही थी।
साभार
(09:00:11 PM) 03, Sep, 2010, Friday
http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/51831/2/1

No comments:

Post a Comment